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सन्त महापुरुषों संत बाबा हिम्मत सिंघ जी, संत बाबा विजय सिंह जी सन्त बाबा ज्ञान सिंह जी की याद में

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 ਜਨਮ ਮਰਣ ਦੁਹਹੂ ਮਹਿ ਨਾਹੀ ਜਨ ਪਰਉਪਕਾਰੀ ਆਏ ॥ सन्त महापुरुषों संत बाबा हिम्मत सिंघ जी, संत बाबा विजय सिंह जी सन्त बाबा ज्ञान सिंह जी की याद में  श्री अखण्ड पाठ एवं गुरुबाणी शब्द कीर्तन  अजमेर (जी. एस. लबाना) । साहिब श्री गुरुग्रन्थ साहिब जी महाराज अंग (पृष्ठ) 748 पर दर्ज गुरुबाणी के अनुसार गुरु का फरमान है  "जनम मरण दुहहू महि नाही जन परउपकारी आए ॥ जीअ दानु दे भगती लाइनि हरि सिउ लैनि मिलाए ॥२॥" अर्थात : गुरुजी कहते हैं सन्तजन, महापुरुष  जीवों पर परोपकार करने के लिए जगत् में आए हैं और वे जन्म-मरण दोनों से ही रहित हैं। वे जीवों को नाम-दान देकर उन्हें भक्ति में लगाते हैं और उनका भगवान से मिलाप करवा देते हैं।॥ २॥)  ऐसे ही सन्त महापुरुषों  संत बाबा हिम्मत सिंघ जी,   संत बाबा विजय सिंह जी   सन्त  बाबा ज्ञान सिंह जी   को याद करने ओर समूह  संगत को नाम-दान देकर भक्ति भाव से जोडने का उपराला करने की भावना से गुरुद्वारा संत बाबा हिम्मत सिंह जी साहिब जी के 16वें वर्तमान गद्दीनशीन महन्त सन्त  बाबा सुखदेव सिंह साहिब जी सिंधुवाडी, मलुसर रोड, अजमेर स्थित गुरुद्वारा संत बाबा हिम्मत सिंह