संदेश

अन्तिम अरदास लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सरदारनी माता निर्मल कौर "जानकी" के निमत अन्तिम अरदास सम्पन्न माता निर्मल कौर "जानकी" नितनेमी एवं गुरुघर की सेवाभावी थीं: महन्त सुखदेव सिंह जी

चित्र
सरदारनी निर्मल कौर "जानकी" के निमत अन्तिम अरदास सम्पन्न   माता निर्मल कौर "जानकी" नितनेमी एवं गुरुघर की सेवाभावी थीं: महन्त सुखदेव सिंह जी अजमेर, 14  जून 2024 (जी. एस. लबाना)।  गद्दीनशीन महन्त सन्त बाबा सुखदेव सिंह जी ने कहा सचखण्ड वासी माता निर्मल कौर "जानकी" नितनेमी और बाबा हिम्मत सिंह साहिब दरबार की सेवाभावी थीं, माता जी का परिवार भी सेवा भावी और गुरघर से जुड़ा परिवार है, यह कहते हुए महन्त जी ने विच्छुड़ी पवित्र आत्मा को  गुरुबाणी  शब्द कीर्तन राही श्रध्दासुमन अर्पित करते हुए संगत को निहाल किया, सन्त बाबा हिम्मत सिंह साहिब दरबार, झूलेलाल काॅलोनी, अजमेर में सचखण्ड वासी सरदारनी निर्मल कौर "जानकी" के निमत अन्तिम अरदास के अवसर पर आयोजित कीर्तन दरबार में महन्त जी से पहले संत अवलीन सिंह (दिल्ली वाले), भाई तीर्थ सिंह मिस्कीन (अजमेर वाले), भाई  अत्तर सिंह जी (जयपुर वाले), भाई  चरनजीत सिंह, बीबी चरनजीत कौर (दिल्ली वालों) ने गुरूबाणी शब्द कीर्तन राही संगत को निहाल करते हुए विच्छुड़ी पवित्र अत्मा को श्रध्दासुमन अर्पित किये। गुरमत विचारक कथावाचक भाई चरनजी

सरदार केवल सिंह "फोजी" ने निमत अन्तिम अरदास सम्पन्न

चित्र
सरदार केवल सिंह "फोजी" ने निमत अन्तिम अरदास सम्पन्न ।  श्री गंगानगर । सचखण्ड वासी सरदार केवल सिंह फौजी की आत्मिक शान्ति एव कल्याणार्थ अन्तिम अरदास गुरुवार 13 मई 2024 को श्री अखण्ड पाठ साहिब के भोग एवं गुरुवाणी शब्द कीर्तन के साथ सम्पन्न हुई। श्री अखण्ड पाठ साहिब  मंगलवार 11 जून 2024 को स्वर्गवासी के परिवार जनों ने अपने निवास स्थान पर आरम्भ करवाया था जिसके भोग साहिब गुरुवार  13 जून 2024 को पड़ा,  उपरान्त स्थानीय गुरुद्वारा साहिब में कीर्तन दरबार सजाया गया जिसमें रागी भाई  मनदीप सिंह जी भटिडा वालों ने गुरुवाणी हर जस गायन कर संगत को निहाल किया, उपरान्त ग्रन्थी साहिब ने अन्तिम अरदास कर हुकमनाम लेकर संगत को निहाल किया एवं  का लंगर प्रसाद वरताया गया।  ज्ञात रहे गांव मोहल्ला, जिला श्री गंगानगर निवासी सरदार केवल सिंह "फौजी" सुपुत्र  सरदार नगरा सिंह छोहित गुरुवार 6 जून 2024 को अकाल चालाणा कर सचखण्ड सिधार गये थे।        80 वर्षीय स्वर्गवासी सरदार केवल सिंह के परिवार में धर्म पत्नि, दो पुत्र-पुत्रवध,  पुत्री-दामाद, पौते-पौती, दोहिता -दोहिती से भरा पूरा परिवार है।  शोकाकुल परिव