LABANA JAGRATI SANDESH अपनी प्रात: का शुभारंभ प्रभु परमात्मा, श्री हरि स्मरण से करिये, Hukamnama Sri Darbar Sahib, Sri Amritsar

 

LABANA JAGRATI SANDESH




 अपनी प्रात: का शुभारंभ प्रभु परमात्मा, श्री हरि स्मरण से करिये, 


Hukamnama Sri Darbar Sahib, Sri Amritsar

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श्री हरमिन्दर साहिब (स्वर्ण मन्दिर) अमृतसर में श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी  के अंग 514 दिनांक 26-07-2024  को  प्रात: जारी गुरुबाणी, अमृतवचन/हुकमनामा : पंजाबी, हिन्दी व अंग्रेजी में अर्थ सहित पढ़िए....
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Amritvele da Hukamnama Sri Darbar Sahibji, Sri Amritsar,
Ang 514, Date 25-07-2024

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ਸਲੋਕੁ ਮ: ੩ ਵਾਹੁ ਵਾਹੁ ਆਪਿ ਅਖਾਇਦਾ ਗੁਰ ਸਬਦੀ ਸਚੁ ਸੋਇ ॥ ਵਾਹੁ ਵਾਹੁ ਸਿਫਤਿ ਸਲਾਹ ਹੈ ਗੁਰਮੁਖਿ ਬੂਝੈ ਕੋਇ ॥ ਵਾਹੁ ਵਾਹੁ ਬਾਣੀ ਸਚੁ ਹੈ ਸਚਿ ਮਿਲਾਵਾ ਹੋਇ ॥ ਨਾਨਕ ਵਾਹੁ ਵਾਹੁ ਕਰਤਿਆ ਪ੍ਰਭੁ ਪਾਇਆ ਕਰਮਿ ਪਰਾਪਤਿ ਹੋਇ ॥੧॥
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सलोकु मः ३ वाहु वाहु आपि अखाइदा गुर सबदी सचु सोइ ॥ वाहु वाहु सिफति सलाह है गुरमुखि बूझै कोइ ॥ वाहु वाहु बाणी सचु है सचि मिलावा होइ ॥ नानक वाहु वाहु करतिआ प्रभु पाइआ करमि परापति होइ ॥१॥
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Shalok, Third Mehl: Waaho! Waaho! The Lord Himself causes us to praise Him, through the True Word of the Guru’s Shabad. Waaho! Waaho! is His Eulogy and Praise; how rare are the Gurmukhs who understand this. Waaho! Waaho! is the True Word of His Bani, by which we meet our True Lord. O Nanak, chanting Waaho! Waaho! God is attained; by His Grace, He is obtained. ||1||
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ਕੋਈ (ਵਿਰਲਾ) ਗੁਰਮੁਖ ਸਮਝਦਾ ਹੈ ਕਿ ‘ਵਾਹ ਵਾਹ’ ਆਖਣਾ ਪਰਮਾਤਮਾ ਦੀ ਸਿਫ਼ਤਿ-ਸਾਲਾਹ ਕਰਨੀ ਹੈ, ਉਹ ਸੱਚਾ ਪ੍ਰਭੂ ਆਪ ਹੀ ਸਤਿਗੁਰੂ ਦੇ ਸ਼ਬਦ ਦੀ ਰਾਹੀਂ (ਮਨੁੱਖ ਪਾਸੋਂ) ‘ਵਾਹੁ ਵਾਹੁ’ ਅਖਵਾਂਦਾ ਹੈ (ਭਾਵ, ਸਿਫ਼ਤਿ-ਸਾਲਾਹ ਕਰਾਂਦਾ ਹੈ) ਪਰਮਾਤਮਾ ਦੀ ਸਿਫ਼ਤਿ-ਸਾਲਾਹ ਦੀ ਬਾਣੀ ਪਰਮਾਤਮਾ ਦਾ ਰੂਪ ਹੈ, (ਇਸ ਨਾਲ) ਪਰਮਾਤਮਾ ਵਿਚ ਮੇਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਹੇ ਨਾਨਕ! (ਪ੍ਰਭੂ ਦੀ) ਸਿਫ਼ਤਿ-ਸਾਲਾਹ ਕਰਦਿਆਂ ਪ੍ਰਭੂ ਮਿਲ ਪੈਂਦਾ ਹੈ; (ਪਰ, ਇਹ ਸਿਫ਼ਤਿ-ਸਾਲਾਹ) ਪ੍ਰਭੂ ਦੀ ਮਿਹਰ ਨਾਲ ਮਿਲਦੀ ਹੈ।੧।
अर्थ:
कोई (एकाध) गुरमुख समझता है की ‘वाह वाह’ कहना परमात्मा की सिफत सलाह करनी है, वेह सच्चा प्रभु खुद ही सतगुरु के शब्द के द्वारा (मनुख से ) ‘वाह वाह’ कहलवाता है ( भाव, सिफत सलाह करवाता है) परमात्मा की सिफत सलाह की बानी परमात्मा का रूप है, (इस से ) परमात्मा से मिलन होता है। हे नानक! (प्रभु की) सिफत-सलाह करते हुए परमात्मा प्राप्त हो जाता है; (परन्तु यह सिफत सलाह ) प्रभु की मेहर से ही प्राप्त होती है ।१।

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सन्त बाबा सीतलसिंह जी महू वालों एवं महन्त सन्त बाबा सुखदेव सिंह जी की कृपा सदके आपनी सेवा आप कराई 🙏


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ढेरा संत बाबा हिम्मत सिंह साहिब जी के वर्तमान 

गद्दीनशीन महन्त सन्त बाबा सुखदेव सिंह साहिब जी  

की

ओर से आप  सभी साध संगत जी को

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