अपनी हथेली पर रखते हैं सिर, जोखिम भरे बहादुरी के दिखा कर कर्तब सिखों की बढ़ाते है आन-बान और शान ! "जिन्हें कहते हैं गतका पार्टी"
जोखिम भरे बहादुरी के दिखा कर कर्तब,
सिखों की बढ़ाते है आन-बान और शान !
"जिन्हें कहते हैं गतका पार्टी"
आपको परिचित कराते हैं "गुरु हरगोबिन्द साहिब गतका अखाड़ा - दिल्ली" के
जत्थेदार भाई ज्ञानसिंह जी से
दिल्ली (जी. एस. लबाना) जत्थेदार भाई ज्ञान सिंह जी लबाना सिख समाज में सम्भवत: पहले व्यक्ति होंगे जो कि "गतका" पार्टी का संचालन करते हैं।
जत्थेदार भाई ज्ञान सिंह जी से सम्पादक गोपाल सिंह लबाना की पहली मुलाकात अजमेर में 28 अक्टूबर 2023 को हुई थी।
इस दिन गुरुद्वारा श्री गुरु रामदास साहिब के वार्षिक गुरुपर्व पर नगर कीर्तन का आयोजन किया गया था, जिसमें "गुरु हरगोबिन्द साहिब गतका अखाड़ा - दिल्ली" के संचालक जत्थेदार भाई ज्ञान सिंह जी "गतका पार्टी" के साथ पधारे थे और शानदार तरीके से अपने साथियों के साथ प्रदर्शन कर दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया था।
दर असल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने पहली बार नगर कीर्तन में गतका पार्टी को आमंत्रित किया था, जब सम्पादक को यह ज्ञात हुआ कि गतका पार्टी के संचालक जत्थेदार ज्ञान सिंह जी लबाना सिख समाज के हैं इनके बारे में और गतका के बारे में जानने की जिज्ञासा और बड़ गई।
जत्थेदार का जीवन परिचय :
लगभग 58 वर्षीय जत्थेदार ज्ञान सिंह जी जन्म 18- 07- 1966 को दिल्ली में हुआ, इनके पिता श्री का नाम सरदार साधू सिंह जी खेमाणी है, साधू सिंह जी खेमाणी उलाहासनगर-5 निवासी भाई मुखी चन्दा सिंह खिमाणी व सरदार सरूप सिंह खेमाणी के लघु भ्राता है, सरदार सरूप सिंह खेमाणी की सुपुत्री बीबी रंजीत कौर बैंक प्रबन्धक से सेवानिवृत हैं, सरदार सरूप सिंह के सुपौत्र वर्तमान में एयर फोर्स में विग॔ कमान्डर पर कार्यरत हैं, यह गुड़गांव में रहते हैं।
मुखी चन्दासिंह खेमाणी उलाहासनगर की जानी मानी शक्सियत थे, इनके सुपुत्र भाई दर्शन सिंह खेमाणी नगर सेवक पद पर रहे और समाज में सेवा के अनेक कार्यों में अग्रणी थे, भाई दर्शन सिंह खेमाणी ने "वल्ड "लबाना सिख समाज के बैनर तले समाज रत्न देने की नई पहल आरम्भ की थी।
जत्थेदार ज्ञान सिंह जी ने 12वीं तक की पढ़ाई की, उसके बाद आईआईटी की, और मारुति उद्योग गुड़गांव में सर्विस की, अपना गैराज भी खोला।
1982 में गतका पार्टी में प्रवेश किया, गतका की प्रेरणा इन्हें रानी बाग, दिल्ली जत्थेदार गुरुचरण सिंह गतका मास्टर से मिली ।
वर्तमान में जत्थेदार भाई ज्ञान सिंह जी दिलेर मेहंदी फार्म हाउस के पास, चन्दर विहार, नई दिली में "गुरु हरगोबिन्द साहिब गतका अखाड़ा - दिल्ली" नामक "गतका अखाड़े" का संचालन करते हैं इनके अखाड़े में लगभग 25 से 150 युवा शागिर्दों का समूह है, अखाड़े सभी को नि:शुल्क गतका कर्तब सिखाते हैं ।
उपलब्धियां :
गतका पार्टी देश भर में अलग - अलग स्थानों पर अलग - अलग समय में गुरु पर्व पर नगर कीर्तन में, अन्य अनैक राष्ट्रीय समारोह में कर्तब दिखा चुके हैं, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, उड़ीसा, आदि सैंकड़ों स्थानों शहरों में "गतक" कॉम्पिटिशन में भाग लेकर अलग-अलग जगह पर कहीं प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त कर अपने समाज, अपनी गतका पार्टी "गुरु हरगोबिन्द साहिब गतका अखाड़ा-दिल्ली" को व आपने साथियों को गोर्वानित किया है ।
प्रसिद्ध प्रदर्शन
वर्ष 2023 में दिल्ली कैन्ट पर सिख रेजीमेंट की स्थापना पर जत्थेदार भाई ज्ञान सिंह जी की "गुरु हरगोबिन्द साहिब गतका आखाड़ा-दिल्ली" ने कर्तब पेश किया, अहमदाबाद में "मोदी खेल स्टेडियम" में आयोजित हुए भव्य समारोह के समापन्न पर शानदार प्रदर्शन किया, अभी हाल में 27 दिसम्बर 2023 को हजूर साहिब नाांदेड़ (महाराष्ट्र) में दस टीमों के साथ कॉम्पिटिशन में शानदार प्रदर्शन कर डेमो में थर्ड प्राइज़, बेस्ट प्लेयर में फस्ट प्राइज़ प्राप्त किया। नागपुर में 8 गतका पार्टीयों के साथ कॉम्पिटिशन में भाग लेकर शानदार प्रदर्शन करते हुए बेस्ट प्लेेयर का तृतीय स्थान प्राप्त किया।
कर्तब पेश करने की भेटा=फीस
जत्थेदार भाई ज्ञान सिंह जी जगह जगह पर अधिकतर गुरुद्वारों की ओर निकाले जाने वाले नगर कीर्तन में प्रदर्शन करने के लिये गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के निमन्त्रण पर पहूंचते हैं, और फीस के रूप में दिल्ली स्थित अखाड़ा स्थल से प्रदर्शन स्थल तक आने-जाने का किराया व रास्ते में होने वाले खर्च न्यूनतम भेटा के रूप में लेते हैं । यह कहा जा सकता है कि फीस नहीं केवल यात्रा के दौरान होने वाला खर्चा ही लिया जाता है, जिसे हर गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी अथवा आयोजक आसानी से अर्जित कर सकते हैं
संस्था का संचालन
जत्थेदार भाई ज्ञान सिंह जी के द्वारा स॔चालित "गुरु हरगोबिन्द साहिब गतका अखाड़ा - दिल्ली" को "श्रोमणी गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी" व "इन्टर नैशनल गतका संगठन" पंजाब का सहयोग और संरक्षण प्राप्त है।
"गतका" का परिचय:
साहिब श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज के समय काल से फौज को युद्ध में फतह हासिल करने के लिए हर तरह के युद्ध में काम आने वाली कला सिखाई जाती थी, युद्ध में सिख पंथ की फौज को तरह - तरह के युद्ध अभ्यास कराये जाते थे ।
समय के साथ यह युद्ध अभ्यास अब सिख पंथ की पारंपरिक युद्धक कला है बन चुका है जिसे "गतका" कहा जाता है।
वर्तमान में भी सिखों के धार्मिक उत्सवों में इस कला का शस्त्र संचालन प्रदर्शन किया जाता है। पंजाब सरकार (भारत ) ने इस भारतीय मार्शल आर्ट "गतका" को खेल की मान्यता प्रदान कर दी है।
"अंतर्राष्ट्रीय गतका फेडरेशन" की स्थापना 1982 में हुई थी, और 1987 में औपचारिक रूप से इसे स्थापित किया गया था, "गतका" अब एक खेल या तलवारबाजी प्रदर्शन कला के रूप में लोकप्रिय है और अक्सर सिख त्योहारों के दौरान दिखाया जाता है।
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